आपका जन्म 13 जनवरी 1909 को गांव पांड्याघाट उत्तर प्रदेश में हुआ था
आप हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के साथ जुड़े हुए थे।
आप राजेंद्र लाहिड़ी को अपना क्रांतिकारी गुरु मानते थे ।
आपके सात भाई थे सारे ही क्रांतिकारी थे ।
आपके मामा जितेंद्रनाथ बैनर्जी (खुफिया विभाग के उप पुलिस अधीक्षक )काकोरी मामले में गवाह थे
मणीन्द्र काकोरी एक्शन में अपने क्रांतिगुरु राजेन्द्र लाहिड़ी को हुई फांसी की का कारण अपने मामा की गवाही मानते थे।इसलिए बदला लेना चाहते थे।
आपने दिनांक 13 जनवरी 1928 को जितेंद्र नाथ बैनर्जी को गुदौलिया बनारस में अपने पिस्तौल से तीन गोलियां मारकर वध कर दिया ।
एक्शन के बाद आपने अपने आप को पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
आपको इस मुकदमा में 10 वर्ष की सजा हुई ।
केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ (उत्तर प्रदेश ) में आपने क्रांतिकारी कैदियों से किये जा रहे दुर्व्यवहार के विरुद्ध 14 मई 1934 भूख हड़ताल की शुरू की ।
उस समय क्रांतिकारी मन्मंथनाथ गुप्त व यशपाल भी इसी जेल में थे।।
भूखहड़ताल सेआपकी हालत बिगड़ती गई व दिनाँक 20 जून 1934 को आपने मनमंथनाथ की गोद में अपने प्राणों की आहुति दी।
शत शत नमन