:-मुकंदी लाल गुप्ता-:


आप मूलतः औरैया इटावा के निवासी थे।
आप क्रांतिकारी संस्था मातृदेवी के कमांडर इन चीफ गेंदालाल दीक्षित के सानिध्य में थे।
” मातृ देवी ” का उद्देश्य भी सशस्त्र क्रांति था । इस दल के द्वारा हथियार खरीदने हेतु आयरलैंड क्रांतिकारियों की तरह धनी लोगों पर डाके डालकर धन अर्जित करना था ।
मातृ देवी के एक भावी एक्शन के अनुसार एक बड़े आसामी के यहां डाका डाला जाना था।
जिस व्यक्ति को आसामी के संबंध में सूचना देने हेतु दे तो दिया गया था ।
वह व्यक्ति पुलिस मुखबिर बन गया और उसने पुलिस को बता दिया। जिसके कारण गिरफ्तारियां हुई।

मैनपुरी केस में आपको 6 वर्ष के कठोर कारावास सजा दी गई थी। गिरफ्तारी के बाद आपको  अमानवीय  यातनाये दी गई थी।
इस मामले में 6 वर्ष की सजा काटने के बाद आप शांत होकर घर पर नहीं बैठे अपितु शचीन्द्रनाथ बख्शी के संपर्क में आए व क्रांतिकारी संस्था हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए।
तब तक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल व साथियों द्वारा  काकोरी एक्शन की पृष्ठभूमि तैयार की जा चुकी थी।
काकोरी एक्शन से पूर्व दल की शाहजहांपुर में दिनाँक 7 अगस्त 1925 को बैठक हुई जिसमें आप भी उपस्थित थे।
इस एक्शन में आपको यह दायित्व दिया गया था कि आप अन्य साथियों के साथ एक्शन पूर्ण होने तक  रिवाल्वर से फायर करके ट्रेन में बैठे मुसाफिर  को डराते रहेंगे
काकोरी एक्शन 9 अगस्त 1925 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और मौका पर कोई क्रांतिकारी नहीं पकड़ा गया
काकोरी केस में बनवारी लाल सरकारी गवाह बन गया। जिसने दल की समस्त सूचनाएं पुलिस को दे दी।
जिसके आधार पर आपके सहित कुल 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया था ।
काकोरी केस में  बिस्मिल, राजेंद्र लाहिड़ी, अशफाक उल्ला खान व ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा दी गई थी।
शचिंद्र सान्याल , शचींद्र बख़्शी व आपको आजन्म काला पानी की हुई थी।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सरकार द्वारा की गई आम रिहाई में आप जेल से बाहर आये।
देश की गुलाम के रहते आपका युद्ध कैसे ख़त्म हो सकता था।
आप 1942 में असहयोग आंदोलन में  कूद गए जिसमें भी आपको  7 वर्ष का कठोर कारावास हुआ ।


मैनपुरी एक्शन में बिस्मिल फ़रार रहे।
मैनपुरी एक्शन केस कार्यवाही में आपको अखबार बांटने वाला हॉकर बताया गया था।
मातृ-देवी के द्वारा  संयुक्त प्रांत के पुलिस एवं प्रशासन के 12 बड़े सरकारी अधिकारियों का वध किया जाना था।
पर पुलिस को इस योजना का पता चल गया इसलिए यह योजना सफल न हो सकी ।

(कृपया इनके बाल्यकाल व अंतिम जीवन के बारे में कहीं जानकारी नहीं मिली ।आपको कोई जानकारी है तो देंवें)

शत शत नमन

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