:- क्रांतिवीर सत्येंद्र बसु -:


सत्येंद्र कुमार बसु का जन्म 30 जुलाई 1882 को मिदनापुर,बंगाल में हुआ। आप अरविंद घोष के सानिध्य में आने से क्रांति पथ पर अग्रसर हुए।

विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार आंदोलन के समय आपने आगे बढ़ कर काम किया था ।
आप ” छात्र- भंडार”के नाम की एक संस्था को संचालित करते हुए युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम की ओर ला रहे थे।
खुदीराम बॉस जिन्होंने प्रफ्फुल चाकी के साथ मुजफरपुर जाकर किंग्फोर्ड की गाड़ी को बम्ब से उड़ाया था , को युगान्तर तक आप ही लेकर आये थे।
आपको बिना लाइसेंस के अपने भाई की बंदूक उपयोग करने के लिए दो वर्ष की कारवास की सजा हुई थी सजा काटने हेतु आपको अलीपुर जेल में भेजा गया।
उस समय अलीपुर जेल में  “अलीपुर- एक्शन” (बम्ब बनाने) के मामले में कई क्रांतिकारी पहले से ही जेल में थे ।
आपका अन्य क्रांतिकारीयों से घनिष्ट संबंध पाए जाने के आधार पर आप पर भी एक और नया मुकदमा बना दिया गया था ।
उस समय अलीपुर मामले में नरेंद्र गोस्वामी सरकारी गवाह बन गया था। नरेंद्रगोस्वामी द्वारा  सितंबर 1908 को गवाही दी जानी थी ।
आप ने अन्य क्रांतिकारियों से विचार विमर्श कर  नरेंद्र गोस्वामी  का जेल में ही वध करने का कार्यक्रम बनाया ।
इस एक्शन में आपके सहयोगी कन्हाई लाल दत्त थे। जेल में रिवॉल्वरों  की व्यवस्था की गई।
आपने व कन्हाई लाल दत्त ने 31 अगस्त या 1 सितम्बर 1908 (तिथि विवादित है)  को जेल के हॉस्पिटल में नरेंद्र गोस्वामी को गोलियों से उड़ाया ।
आपको दिनाँक 21 नवंबर 1908 को फांसी दी गयी।
आपने मुस्कराते हए फाँसी का फंदा पहना।
आपका अन्तिम संस्कार जेल में ही किया गया।
शत शत नमन शहीदों को

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